शाहपुर। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को कांगड़ा जिला के शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के चंबी मैदान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए शाहपुर में सब जज कोर्ट, डीएसपी कार्यालय खोलने की घोषणा की।
उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रैत को राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल बनाने, गुरु रविदास भवन शाहपुर के निर्माण के लिए 25 लाख रुपये, दरीणी में जल शक्ति विभाग का सेक्शन खोलने तथा रिड़कमार में 2000 लीटर क्षमता का बल्क मिल्क कूलर स्थापित करने की घोषणा की। उन्होंने पीएचसी रिड़कमार को सीएचसी बनाने, सिविल अस्पताल शाहपुर में आक्सीजन प्लांट स्थापित करने, अल्ट्रासाउंड और डायलिसिस की सुविधा प्रदान करने की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री ने पीएचसी लंज के भवन निर्माण के लिए धनराशि प्रदान करने, सिविल अस्पताल शाहपुर और पीएचसी नागनपट में डेंटिस्ट, पीएचसी चड़ी में डेंटल हाइजिनिस्ट का पद स्वीकृत करने, राजकीय महाविद्यालय लंच में बीसीए, बीवॉक तथा पीजीडीसीए कोर्स शुरू करने की घोषणा की।
उन्होंने राजकीय महाविद्यालय शाहपुर और आईटीआई शाहपुर का नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के नाम पर करने, राजकीय उच्च विद्यालय भनाला का नाम शहीद पवन कुमार तथा पक्का टियाला से चौरी सड़क का नाम बदल कर शहीद मिलाप सिंह जम्वाल के नाम पर रखने की घोषणा भी की।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पंचायती राज संस्थाओं से महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी को दिया।
केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कैसे डॉक्टर हैं, जो इलाज तो करते हैं, लेकिन रोशनी नहीं दे सकते।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर जगत प्रकाश नड्डा ने सही समय पर जयराम ठाकुर सरकार की आंखों का इलाज किया होता तो हिमाचल प्रदेश की संपदा को लुटने से बचा सकते थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों की संपदा, किसानों व महिलाओं के हक को पूर्व भाजपा सरकार ने किस तरह लुटाया इसे प्रदेश सरकार, राज्य की जनता के सामने रखेगी।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि भाजपा नेता बार-बार हिमाचल आकर कहते हैं कि अगर केंद्र पैसा न दे तो प्रदेश सरकार नहीं चल सकती। उन्होंने कहा कि यह केंद्र का पैसा नहीं, बल्कि प्रदेश की जनता का पैसा है। हिमाचल प्रदेश संघीय ढांचे का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का जो पैसा केंद्र रोककर बैठा है उसके लिए आवाज बुलंद की जाएगी।
उन्होंने कहा कि वर्ष, 2023 में आई प्राकृतिक आपदा के दौरान प्रदेश में 551 लोगों ने जान गंवाई और 23 हजार परिवार प्रभावित हुए लेकिन केंद्र ने कोई सहायता नहीं की। भाजपा के चारों सांसदों ने भी केंद्रीय गृह मंत्री से प्रदेश के लिए उदार वित्तीय सहायता दिलवाने में कोई गंभीरता नहीं दिखाई।
उन्होंने कहा कि केंद्र की टीम ने आपदा का जायजा लेने के उपरांत 10 हजार करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया लेकिन डेढ़ वर्ष से केंद्र सरकार ने कोई धनराशि जारी नहीं की। यही नहीं, एनपीएस के 9000 करोड़ रुपये भी केंद्र ने रोक कर रखे हैं। ओपीएस बहाल करने के लिए 1600 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता रोक दी गई और प्रतिवर्ष मिलने वाला 3200 करोड़ रुपये का जीएसटी मुआवजा भी बंद कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर नशे पर प्रतिदिन बड़े-बड़े बयान दे रहे हैं लेकिन सत्ता में रहते हुए पांच वर्ष तक पीआईटी-एनडीपीएस एक्ट लागू नहीं कर पाए, लेकिन वर्तमान राज्य सरकार के प्रयासों से नशे में 30 प्रतिशत की कमी आई है। साथ ही नशे में संलिप्त सरकारी कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। राज्य सरकार नशे के कारोबार से बनाई गई संपत्ति को अटैच कर रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही हर विधानसभा क्षेत्र के छह-छह स्कूलों में सभी विषयों के अध्यापकों की नियुक्ति सुनिश्चित कर रही है। इसके अतिरिक्त तीन राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल अगले शैक्षणिक सत्र से पहले बनकर तैयार हो जाएंगे।
राज्य सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी सुधार ला रही है। प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सही इलाज देने के लिए दिल्ली एम्स की तर्ज पर प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में आधुनिक तकनीक अपनाई जाएगी, जिसके लिए राज्य सरकार ने 1800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सभी पात्र महिलाओं को 1500 रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हर वर्ष आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनबाड़ी सहायिकाओं का मानदेय बढ़ाया जा रहा है, जबकि पिछली सरकारों के कार्यकाल में यह बढ़ोतरी सिर्फ चुनाव से पहले की जाती थी।